Thursday, August 12, 2010

बाल कविता -कश्मीर समस्या

काश्मीर के दो टुकड़े हैं, एक पाक पे एक यहाँ। मुसलमान सब रहते उसमें, पंडित उनने दिए भगा। तीन सौ छप्पन धारा लाकर,काश्मीर को बड़ा किया। लोग वहाँ के देश विरोधी , स्वायत्ता पर जोर दिया। स्वर्ग वहीं है नर्क वहीं, ईश्वर ने वरदान दिया। आतंकी छाया में पलकर ,मानव ने बर्बाद किया। शान्ति प्रक्रिया कायम होकर , अमन चैन जब छाएगा। तभी वहाँ का हर इक बच्चा, अच्छा जीवन पाएगा। --उदय भान गुप्ता

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