Wednesday, August 18, 2010

मेरी माँ (POEM- MY MOTHER)

देवताओं से भी पहले ,मैं तो पूजूँ माँ को बस ॥ मेरी जननी ;माँ तुझे,मेरे समर्पित जन्म दस॥ स्व को तजकर क्यों सदा, तुमने हमें सब कुछ दिया॥ अन्न -कपड़ा; दूध -माखन, सब दिया कुछ न लिया॥ हम सभी बेटे तुम्हारे , त्याग को करते नमन॥ स्वास्थ्य खोकर ; स्वस्थ रखना पुत्र को, तुम हो चमन ॥ जिस तरह ये प्रकृति हरपल, पुत्र को देती रही॥ सारे झंझावात झेले, कष्ट सह बहती रही॥ उसी मांफिक बह रही है, माँ तेरी ममता जहाँ॥ पूज्य है सबसे प्रथम , इस धरा पर हे माँ वहाँ॥ इसलिए हे त्याग की प्रतिमूर्ति ,तुझको पूजता हूँ॥ हर जनम रज चरण पाऊं, ऐसी योनी खोजता हूँ॥ - - उदय भान गुप्ता

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