Monday, September 6, 2010

मेरी बहन मीतू

इस जीवन की आशा है जो , सदा सरल परिभाषा है जो ॥ सबसे सुंदर मुस्कान लिए , आकाशी अभिलाषा है जो ॥ नयनोँ की आभा बनी रहे , चहरे की कांति चमक जाए ॥नित नए जोश से भर कर वो , सारी दुनिया पर छा जाए ॥ आशीष मेरा हर पल तुझ पर , ईश्वर तुझ पर उपकार करें ॥ तुम स्वस्थ रहो आजीवन भर , धन -धान्य भरा घर - द्वार रहे ॥ मीतू मेरी बहना प्यारी , मैं हर पल तुमको याद करूँ ॥ जब जो चाहो कहना मुझसे , मैं हर पल दिल के पास रहूँ ॥ - - उदय भान कनपुरिया

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