Wednesday, September 29, 2010

अयोध्या पर फैसला

पहले लोग संस्कृत बोलेँ , अब बोलेँ हैं हिंदी ॥ पहले जो साड़ी पहनें थे , अब पहनें हैं मिँनी ॥ तो फिर हिंदू मुस्लिम दोनोँ , क्यों लड़ते हैं भाई ॥ जब कुछ भी तो फिक्स नहीं है , सब बदलेगा सांई ॥ एक घाट में कई हैं जलते , एक कब्र में कई दफनते ॥ यह धरती हम सब की माता , क्यों भाई को भाई खलते ॥ समय समय पर भेष बदलते , समय समय पर बोली ॥ फिर भी इंसानों की जातेँ , खेलें खूनी होली ॥ राम कहें या कहें रहीमा , दोनों हैं ईश्वर के नाम ॥ टुकड़ों को लड़ते हो पागल , हर कण में उसका है धाम ॥ कर्म करो मत करो लड़ाई , भजते जाओ जय श्री राम ॥ हर दिल में बसते हैं प्रभु जी, जब लेते हैं उनका नाम ॥ जय श्री राम . . . - -उदय भान कनपुरिया

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