Thursday, October 28, 2010

बाल कविता - काम चोर

काम चोर भी बड़ा नाम है । काम की चोरी बड़ा काम है । बड़े देश में बड़े निकम्मे ।चाय नाश्ता हर इक पल में । काम की बातें न भई न । गप्प निठल्ले हाँ भई हाँ । देश बिकेगा बिकने दो । मान घटेगा घटने दो ॥ अपनी हर दम करें बढ़ाई ॥ मक्खन बाजी चुगली भाई ॥ - -उदय भान कनपुरिया

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