Sunday, September 25, 2011

अन्ना बनाम भ्रष्टाचार

अन्ना अपने आप को ,
मत समझौ असहाय ।
हम सब तुम्हरे साथ हैं ,
जो आए सो आय ॥
जो आए सो आय ,
तुम्हारे साथ सभी हैं ॥
भ्रष्टाचार रोज का देखे ,
देश दुखी है ॥
लोक पाल जन जन का होगा ,
न्याय बाँटता हर इक पन्ना ॥
सदियों तक सब कथा कहेंगे ,
भारत में होता था अन्ना ॥ - - - - उदय भान कनपुरिया

जन लोकपाल और अन्ना

राजनीति की गंदा सा चेहरा दिखा ॥
आपको आपकी असलियत से मिला ॥
अन्ना के नाम की एक अंगार है ॥
वो जला देगा जिस पर भी कस कर गिरा ॥
भ्रष्टाचारी संभल जाएँ इस देश के ॥
और सोते से जग जाएँ जो हैं पड़े ॥
न उठाएँगे तलवार न गोलियाँ ॥
सब कहेंगे मैं अन्ना - मैं अन्ना यहाँ ॥
अन्ना बूढ़ा है या फिर सिपाही जवान ॥
माँग लो माँफी अन्ना से दे देगा दान ॥
देश पीछे है उसके या वो देश के ॥
एक कानून तगड़ा बनाना पड़ा ॥
काला धन काला पैसा सभी देश का ॥
देश के दुश्मनोँ की तिजोरी में था ॥
केजरीवाल , भूषण , किरण संग हैं ॥
देश आजादी की इक लड़ाई लड़ा ॥ -- उदय भान कनपुरिया

सुंदरता

काढ़ घूँघट बड़ा सा वो निकले हैं यूँ ।
सोचते हैं कि BEAUTY छुपा लेंगे वो ॥
कोई उनको बताए कि हम कौन हैं ?
हुस्न आबो हवा से चुरा लेंगे जो ॥- - उदय भान कनपुरिया

मेरे महबूब

सितारों सजी रात मेहमान है ।
कोइ मेरे महबूब को भेज दो ॥
वो मेरी मैं उसका बनूँगा अभी ।
ये माँ- बाप को भी खबर भेज दो ॥- - उदय भान कनपुरिया

परदा नशीँ

रोज घर के झरोँखोँ से झाँका किए ।
हमको घायल किए है गुलाबी बदन ॥
अब के परदा नशीँ PLEASE परदा हटा ।
और होने दे चश्मे चिरागे नयन ॥- उदय भान कनपुरिया

मेरा चाँद

लाल जोड़े में सज के वो चल दें जिधर I
फूल लाखों बिछा दूँ उसी राह पर ॥
पूछूँ चंदा से अब उसका क्या काम है ?
खुद मेरा चाँद आया जमी पर उतर ॥- उदय भान कनपुरिया

शिकवा शिकायत

जब भी शिकवे शिकायत से मन न भरा ।
वो फुला को यूँ बैठे हैं चेहरा कहीं ?
कोई पूछे जरा जाके उनसे फकत् ।
क्यों न वो ही सिखा दें हमें शादगी ॥ - uday bhan gupta उदय भान कनपुरिया

बेवफाई

प्यार में कसमेँ खाने से क्या फायदा ।
जब भी आएगा मौका दगा दोगे तुम ॥
तुमने दिल में हमारे क्यों घर कर लिया ?
जब हमीँ न रहेंगे ,कहाँ होगे तुम ? - उदय भान कनपुरिया

धोखा

एक हल्का सा ठुमका उधर से लगा ॥
हाय दिल भी गया और जाँ भी गई ॥
फैसला उनकी नजरे इनायत पे है ॥
शुक्र होगा जो शर्मो - हया बच गई ॥ - उदय भान कनपुरिया