Sunday, September 25, 2011

जन लोकपाल और अन्ना

राजनीति की गंदा सा चेहरा दिखा ॥
आपको आपकी असलियत से मिला ॥
अन्ना के नाम की एक अंगार है ॥
वो जला देगा जिस पर भी कस कर गिरा ॥
भ्रष्टाचारी संभल जाएँ इस देश के ॥
और सोते से जग जाएँ जो हैं पड़े ॥
न उठाएँगे तलवार न गोलियाँ ॥
सब कहेंगे मैं अन्ना - मैं अन्ना यहाँ ॥
अन्ना बूढ़ा है या फिर सिपाही जवान ॥
माँग लो माँफी अन्ना से दे देगा दान ॥
देश पीछे है उसके या वो देश के ॥
एक कानून तगड़ा बनाना पड़ा ॥
काला धन काला पैसा सभी देश का ॥
देश के दुश्मनोँ की तिजोरी में था ॥
केजरीवाल , भूषण , किरण संग हैं ॥
देश आजादी की इक लड़ाई लड़ा ॥ -- उदय भान कनपुरिया

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